UDAN Scheme 2024: देश के नागरिकों के लिए एक नई उम्मीद
उड़ान (UDAN Scheme) योजना का पूरा नाम ‘उड़े देश का आम नागरिक’ है। यह UDAN Scheme भारत के ग्रामीण इलाकों को हवाई सेवाओं से जोड़ने के लिए बनाई गई है, ताकि वहां के लोग भी कम कीमत पर हवाई यात्रा कर सकें। उड़ान 4.0 के अंतर्गत, 78 नए हवाई मार्ग शुरू किए गए हैं जो इस योजना को और भी व्यापक बनाते हैं। क्षेत्रीय संपर्क UDAN Scheme 200 से 800 किलोमीटर के बीच की दूरी वाले मार्गों के लिए लागू होती है। हालांकि, पहाड़ी, एकांत, द्वीप और सुरक्षा संबंधी संवेदनशील क्षेत्रों के लिए कोई न्यूनतम सीमा तय नहीं की गई है।
इस UDAN Scheme के तहत, देश के उत्तर, पश्चिम, दक्षिण, पूर्व और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में संतुलित विकास सुनिश्चित करने के लिए, प्रत्येक क्षेत्र को 25 प्रतिशत सीमा के अनुसार उचित रूप से आवंटन दिया जाएगा।
UDAN Scheme 2024
विशेषताएं | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | उड़े देश का आम नागरिक (UDAN Scheme) |
शुरू होने की तिथि | योजना की शुरुआत 21 अक्टूबर 2016 को हुई थी। |
उद्देश्य | हवाई यात्रा को अधिक किफायती और सुलभ बनाना, खासकर टियर II और टियर III शहरों के लिए। |
संचालन क्षेत्र | भारत के दूरदराज और क्षेत्रीय क्षेत्रों में सुधार और कनेक्टिविटी बढ़ाना। |
प्रमुख चरण | उड़ान 1.0, उड़ान 2.0, उड़ान 3.0, उड़ान 4.0, और उड़ान 4.1 में विस्तार। |
चुनौतियां | आधारभूत संरचना की कमी, क्षमता की सीमाएं, मौसमी प्रभाव, और दूर-दराज के स्थानों तक पहुंचने में कठिनाइयां। |
उड़ान योजना के ताजा अपडेट (UDAN Scheme New Updates)
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की प्रमुख योजना, Udaan (उड़े देश का आम नागरिक) ने 27 अप्रैल 2017 को पहली बार उड़ान भरी थी। यह योजना टियर II और टियर III शहरों को बेहतर हवाई संपर्क प्रदान करने और आम नागरिक की हवाई यात्रा की इच्छा को पूरा करने के लिए 21 अक्टूबर 2016 को शुरू की गई थी।
पांच वर्षों के सफल संचालन के बाद, इस योजना ने क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी में काफी विस्तार किया है। 2014 में देश में सिर्फ 74 हवाई अड्डे सक्रिय थे, लेकिन उड़ान योजना की वजह से यह संख्या बढ़कर 141 हो गई है।
इस योजना को 2020 में नवाचार श्रेणी में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधान मंत्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
UDAN Scheme क्या है? (Udaan Scheme Kya Hai?)
UDAAN Scheme, जिसे “उड़े देश का आम नागरिक” के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक पहल है जिसका मकसद टियर II और टियर III शहरों में हवाई यात्रा को ज्यादा सुलभ और किफायती बनाना है। इस योजना के तहत, सरकार ने हवाई अड्डों के लिए विशेष उत्पाद शुल्क और सेवा कर में छूट दी है, साथ ही क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए उदार कोड साझाकरण की सुविधा भी प्रदान की है।
इस योजना को चालू रखने के लिए एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी फंड की स्थापना की गई है, जिसके माध्यम से विशेष उड़ानों के जरिए धनराशि जुटाई जाती है। सरकार का यह भी प्रावधान है कि अगर उड़ानों में यात्री भार कारक अच्छा रहता है, तो वित्तीय सहायता (VGF) को कम किया जाएगा और तीन साल के बाद इसे धीरे-धीरे समाप्त कर दिया जाएगा, ताकि मार्ग स्वयं सस्ती दरों पर चल सके।
उड़ान योजना के मुख्य उद्देश्य (Objective of Udan Scheme)
UDAN Scheme का प्रमुख लक्ष्य है हवाई यात्रा को सभी के लिए और अधिक सुलभ व किफायती बनाना। यह योजना भारत सरकार की राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति (NCAP) के अंतर्गत आती है। इसे भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों का भी समर्थन प्राप्त है, जिससे इसका क्रियान्वयन और भी मजबूत होता है।
Udaan Scheme के जरिए न केवल बड़े शहरों बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के शहरों की हवाई यात्राओं को भी किफायती बनाया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग हवाई यात्रा का लाभ उठा सकें। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय हवाई संपर्क योजना (IACS) शुरू की है जिसे ‘अंतर्राष्ट्रीय उड़े देश का आम नागरिक (UDAN)’ के रूप में जाना जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों से चुनिंदा अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों के लिए हवाई संपर्क बढ़ाना है, जिससे सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सके।
उड़ान योजना से संबंधित मुख्य प्रावधान
- लाभान्वित हवाई अड्डे:
उड़ान योजना के तहत, पुराने हवाई पट्टियों और हवाई अड्डों को नई जान दी जाएगी। इसका उद्देश्य उन हवाई अड्डों को फिर से सक्रिय करना है जो पहले इस्तेमाल में नहीं थे या कम इस्तेमाल होते थे। इस योजना में कुल 410 हवाई अड्डे शामिल हैं, जिनमें से 394 अप्रयुक्त हैं और 16 अयोग्य हैं।
- क्रियान्वयन संस्था:
इस योजना का कार्यान्वयन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के अधीन है, जो नागरिक उड्डयन मंत्रालय का हिस्सा है।
- बोली के चरण:
उड़ान योजना के तहत बोलियां तीन अलग-अलग चरणों में लगाई जाएंगी, जिसे 2018 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
- अनुकूल मार्ग की लंबाई:
योजना मुख्य रूप से 200 से 800 किलोमीटर के मार्गों पर लागू होती है, और यह पहाड़ी, ग्रामीण, द्वीप या सुरक्षा-संवेदनशील क्षेत्रों में कोई प्रतिबंध नहीं लगाती।
- कोष का निर्माण:
इस योजना के लिए धनराशि एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी फंड (RCF) के माध्यम से जुटाई जाएगी, जिसमें राज्यों से 20% और उत्तर पूर्वी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से 10% योगदान प्राप्त होगा।
- उड़ान लागत:
इस योजना के तहत, लगभग 500 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा करने पर प्रत्येक यात्री का खर्च लगभग 2500 रुपये आएगा। हेलीकॉप्टर संचालन के लिए 30 मिनट की उड़ान के लिए भी यही दरें निर्धारित की गई हैं।
- समान आवंटन:
उड़ान योजना के तहत, विकास को संतुलित बनाने के लिए भारत के पांच क्षेत्रों – उत्तर, पश्चिम, दक्षिण, पूर्व, और उत्तर पूर्व में 25% सीमा के साथ उचित रूप से आवंटन किया जाएगा।
उड़ान योजना की प्रमुख विशेषताएं (Key Features of UDAN Scheme)
- योजना की अवधि
Udan Scheme upsc एक दस वर्षीय परियोजना है, जिसे भारत सरकार की राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति के अंतर्गत 15 जून 2016 को शुरू किया गया था।
- चयन प्रक्रिया
इस योजना के तहत, एयरलाइन्स को एक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाता है ताकि वे अधिक क्षेत्रीय मार्गों पर सेवाएं प्रदान कर सकें।
- प्रोत्साहन और सहायता
राज्य सरकार ने उड़ान योजना के लिए ईंधन भरने पर GST में 1% की कमी, हवाई अड्डे के लिए ज़मीन की उपलब्धता, और सुरक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण जैसे कुछ उपायों को दस साल की अवधि के लिए बढ़ाया है।
- शुल्क और निवेश
एएआई उड़ान-आरसीएस उड़ानों पर रूट नेविगेशन और सुविधा शुल्क (RNFC) सामान्य दरों के 42.40% की कम दर पर लगाएगा। क्षेत्रीय कनेक्टिविटी कोष वित्तीय सहायता के रूप में व्यवहार्यता अंतर अनुदान (VGF) प्रदान करता है।
- किफायती दरें
सरकार ने उड़ान योजना के तहत प्रति घंटे प्रति सीट के लिए 2,500 रुपये की दर निर्धारित की है, जिससे यह स्कीम और भी किफायती हो जाती है।
इन विशेषताओं के माध्यम से, उड़ान योजना भारत के छोटे शहरों और अलग-अलग क्षेत्रों को विमानन मानचित्र पर उभारने की कोशिश करती है, ताकि हवाई यात्रा हर किसी के लिए सुलभ हो सके।
उड़ान योजना का महत्व (udaan scheme Importance)
- क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाना
उड़ान योजना, जिसे ‘उड़े देश का आम नागरिक’ के नाम से जाना जाता है, दूरदराज और कम सेवा प्राप्त हवाई अड्डों जैसे कर्नाटक के हुबली, पश्चिम बंगाल के बर्नपुर, बिहार के दरभंगा और हरियाणा के हिसार को मुख्य धारा से जोड़ती है। इससे इन क्षेत्रों के लोगों को आसानी से यात्रा करने का विकल्प मिलता है।
- विमानन व्यवसाय को बढ़ावा
यह Udaan Scheme छोटे और नए ऑपरेटरों को भारतीय विमानन बाजार में प्रवेश करने और यात्री यातायात के विकास में भाग लेने की अनुमति देती है। योजना के तहत, एयरलाइनों को नए क्षेत्रीय मार्गों पर उड़ान भरने का अधिकार मिलता है।
- आर्थिक विकास को समर्थन
मजबूत क्षेत्रीय संपर्क से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होता है, जिससे इन क्षेत्रों का विकास होता है और वे राष्ट्रीय विमानन मानचित्र पर उभरते हैं।
- लागत में कमी
Udan Scheme यात्रा की लागत को कम करती है और व्यवहार्यता अंतर अनुदान (VGF) के माध्यम से एयरलाइनों को इन परिचालनों को वित्तीय रूप से किफायती बनाने में मदद करती है। इससे एयरलाइन्स को छोटे शहरों और कस्बों के लिए नए मार्ग शुरू करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
उड़ान योजना के अपडेटेड संस्करण
उड़ान 1.0
इस आरंभिक चरण में, पांच एयरलाइन कंपनियों को 70 हवाई अड्डों के लिए 128 उड़ान मार्ग दिए गए, जिनमें से 36 हवाई अड्डे नवनिर्मित और संचालित किए गए।
उड़ान 2.0
इस चरण में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 2018 में 73 अनारक्षित और अनुपालित हवाई अड्डों को चिन्हित किया। इसमें पहली बार हेलीपैड भी उड़ान योजना के चरण 2 के हिस्से के रूप में जोड़े गए।
उड़ान 3.0
उड़ान 3 में पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से पर्यटन मार्गों को शामिल किया गया है। इस चरण में जल हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए सामुद्रिक वायुयान भी शामिल किए गए हैं। इसके अलावा, पूर्वोत्तर क्षेत्र में नए मार्ग जोड़े गए।
उड़ान 4.0
इस चरण में 2020 में भारत के दूरस्थ और क्षेत्रीय क्षेत्रों में सुधार के लिए 78 नए मार्गों को मंजूरी दी गई। यह भारत के आम नागरिकों को अधिक संपर्क और यात्रा के अवसर प्रदान करता है।
उड़ान 4.1
उड़ान 4.1 में मुख्य रूप से छोटे हवाई अड्डों को जोड़ा गया है और विशेष हेलीकॉप्टर व सीप्लेन कनेक्शन पर जोर दिया गया है। सागरमाला सीप्लेन सर्विसेज इसी के तहत एक बड़ी परियोजना है, जो बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय के सहयोग से संचालित की जा रही है।
राज्यों की भागीदारी
असम, मणिपुर और त्रिपुरा जैसे राज्यों ने इस योजना में सक्रिय भागीदारी की है। इन राज्यों ने गुवाहाटी, इंफाल और अगरतला जैसे शहरों को बैंकाक, ढाका, काठमांडू, यांगून, हनोई, मांडले, कुनमिंग और चटगांव जैसे अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों से जोड़ने की पहचान की है।
इंफ्रास्ट्रक्चर विकास
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने उत्तर-पूर्वी भारत में अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए कई विकास कार्य किए हैं। इसमें अगरतला हवाई अड्डे पर एक नए टर्मिनल भवन का निर्माण शामिल है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय संचालन के लिए डिजाइन किया गया है। इम्फाल हवाई अड्डे पर भी एक नया एकीकृत टर्मिनल भवन बनाया गया है, जो प्रति वर्ष 2.4 मिलियन यात्रियों को संभाल सकता है और इसे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में घोषित किया गया है।
यह Udan Scheme upsc न केवल भारतीय विमानन के भूगोल को विस्तारित कर रही है, बल्कि उत्तर-पूर्वी भारत जैसे क्षेत्रों में विमानन क्षमताओं को भी मजबूती प्रदान कर रही है।
उड़ान योजना की प्रमुख चुनौतियां
- आधारभूत संरचना की समस्याएं
उड़ान योजना की सबसे बड़ी चुनौती आधारभूत संरचना की कमी है। कई आरसीएस हवाई अड्डों के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होती है और कई बार यह भूमि राज्य सरकारों को मुफ्त में प्रदान करनी पड़ती है। इसके अलावा, दुर्गम और दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित हवाई अड्डों तक पहुंचना भी एक बड़ी चुनौती है।
- यातायात मार्गों की समस्या
उड़ान योजना के तहत शुरू किए गए 94 आरसीएस उड़ान मार्गों में से केवल 22 मार्ग ही सक्रिय हैं। यह दर्शाता है कि योजना की कार्यान्वयन प्रक्रिया में कई तरह की बाधाएँ हैं।
- क्षमता की समस्याएं
मेट्रो और टियर-1 हवाई अड्डे पहले से ही लैंडिंग और पार्किंग क्षमताओं की समस्या से जूझ रहे हैं, जिससे नए आरसीएस मार्गों का समर्थन करना मुश्किल हो जाता है।
- मौसमी चुनौतियां
पहाड़ी इलाकों में स्थित हवाई अड्डों पर खराब मौसम की स्थितियों के कारण विमान संचालन में अक्सर विलंब या रद्द होने की समस्या होती है। इसके अलावा, कुछ हवाई अड्डों पर आधुनिक लैंडिंग सिस्टम की कमी भी चुनौतिपूर्ण होती है।
- समाधान के उपाय
उड़ान योजना की सफलता के लिए भारत में क्षेत्रीय विमानन की सामरिक समीक्षा और निवेश का पुनर्निर्धारण महत्वपूर्ण है। हवाई अड्डों का विकास, ईंधन पर करों की कमी और आधुनिक सुविधाओं का विकास इस योजना को और अधिक प्रभावी बना सकता है।