Vivad se Vishwas Scheme 2024: Eligibility, Important Documents, Benefits and Online Apply
नमस्कार दोस्तों meriyojana.com में आप सभी का स्वागत है। आज जिस योजना के बारे में हम बात करने वाले हैं वह है भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा शुरू की गई Vivad Se Vishwas Scheme एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा शुरू की गई योजना है जिसके माध्यम से देश भर के करदाताओं के विवादित टैक्स मामलों को निपटाने की योजना शुरू की गई है।
Vivad Se Vishwas Scheme 2024 के माध्यम से वह सारे टैक्स जिन पर किसी प्रकार का विवाद हो चुका है या हो रहा है उन्हें बिना किसी ब्याज या दंड के चुकाने की अनुमति कर विभाग द्वारा दी जाती है । इसीलिए इस स्कीम का नाम विवाद से विश्वास स्कीम रखा गया है। आज हम इसी स्कीम के बारे में विस्तारित रूप से चर्चा करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं।
विवाद से विश्वास की स्कीम क्या है? ( Vivad Se Vishwas Scheme Kya hai? )
Vivad Se Vishwas Scheme भारत के वित्त मंत्रालय द्वारा शुरू की गई योजना है। यह योजना मूल रूप से उन सभी करदाताओं के लिए शुरू की गई है जिन पर टैक्स के विवादित मामले चल रहे हैं। अर्थात ऐसे सभी करदाता जो प्रत्यक्ष कर के भुगतान की वजह से विवादों में अटके हुए हैं। उन सभी करदाताओं को केवल विवादित करों की राशि का भुगतान करने की छूट इस योजना के माध्यम से दी जाती है।
सामान्य शब्दों में कहें तो ऐसे सारे कर भुगतान जहां करदाता कर के असली मूल्य पर कर विभाग से विवाद कर रहा है या कर चुकाने से भाग रहा है और इतना कर भुगतने ने की स्थिति में नहीं है कि वह कर विभाग के ब्याज या दंड का भुगतान कर सके ऐसे में करदाता को केवल मूल कर चुकाने की अनुमति इस योजना के अंतर्गत दी जाती है।
विवाद से विश्वास स्कीम विवादित टैक्स मामलों के निपटारे हेतु शुरू की गई है । इस योजना के माध्यम से विवादित करों की राशि का भुगतान करने की सुविधा करदाताओं को दी जाती है ताकि इनकम टैक्स विभाग कम से कम मूल कर की रकम हासिल कर पाए जिसमें ब्याज और दंड आदि वसूल नहीं किया जाता।
ऐसे में Vivad Se Vishwas Scheme के माध्यम से करदाता कम से कम मूल कर की रकम चुका देते हैं जिससे करदाताओं को और साथ-साथ इनकम टैक्स विभाग को भी काफी हद तक राहत देखने को मिलती है। कई बार करदाताओं की लापरवाही के चलते अथवा कैलकुलेशन और फॉर्म भरने की वजह से कई त्रुटियां हो सकती है।
ऐसे में इन सभी त्रुटियों की वजह से रिटर्न प्रक्रिया काफी जटिल हो जाती है जिसकी वजह से इनकम टैक्स विभाग इन सभी करदाताओं पर ब्याज या दंड लगाता है । देर से भुगतान करने की स्थिति में आमतौर पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ब्याज और दण्ड के साथ वसूली करता है । ऐसे में करदाता कर चुकाने से और ज्यादा पीछे हट जाते हैं।
इसी वजह से लंबे समय तक निलंबित करों पर लगातार ब्याज और दंड बढ़ता जाता है जिसकी वजह से ऐसे सारी कर वसूली विवाद में आ जाती है । इन्हीं सब विवादित कर वसूलियों को अब बिना ब्याज और दंड के भुगतान करने की सोवियत कर दाताओं को दी जा रही है।
Indira Gandhi Smartphone Yojana Rajasthan 2024
विवाद से विश्वास स्कीम का मुख्य उद्देश्य ( Objective of Vivad Se Vishwas Scheme)
- Vivad Se Vishwas Scheme का मुख्य उद्देश्य भारतीय टैक्स विभाग के अंतर्गत लंबे समय से विवादित कर प्राप्त करना है जिसकी वजह से करदाताओं को लंबित विवादित रिटर्न प्रक्रिया में सहूलियत प्रदान की जाती है ।
- वित्त मंत्रालय ने कुछ समय पहले सारी टैक्स सुविधा को फेसलेस कर दिया था जिसकी वजह से अब करदाता ऑनलाइन माध्यम से ही करों का भुगतान कर सकते हैं ।
- ऐसे में ऑनलाइन कर इनकम टैक्स फॉर्म भरने के दौरान कई सारे करदाता छोटी-मोटी त्रुटियां कर देते हैं ।
- वही समय पर रिटर्न फॉर्म भरने से चूक जाते हैं जिसकी वजह से इनकम टैक्स विभाग उन पर ब्याज या दंड लगा देता है ।
- ऐसे मामले समय के साथ विवादित मामलों में बदल जाते हैं जिसके निपटान हेतु भारतीय वित्त मंत्रालय ने विवाद से विश्वास स्कीम लॉन्च की जिसके माध्यम से करदाताओं को बिना ब्याज और बिना दंड के कर चुकाने की सुविधा दी जा रही है।
विवाद से विश्वास स्कीम लाभ ( Benefits of Vivad Se Vishwas Scheme )
- Vivad Se Vishwas Scheme के माध्यम से देश भर में प्रत्यक्ष कर भुगतानों के मुकदमें में बड़ी कमी दिखाई दे रही है।
- इस योजना की वजह से लंबे समय तक विवादित प्रत्यक्ष करदाताओं के दावे निपटाए जा रहे हैं जिससे इनकम टैक्स को कलेक्शन में फायदा देखने को मिल रहा है।
- इस योजना की वजह से अब विवादित और लंबित भुगतान पर आयकर दाताओं को टैक्स और ब्याज नहीं देना पड़ता जिसकी वजह से आयकर दाताओं के लिए भी यह योजना काफी फायदेमंद सिद्ध हो रही है ।
- इस योजना के जरिए अब विवादित मुद्दों का निपटान किया जा रहा है जिसकी वजह से करदाताओ को मुकदमों के चक्कर से भी राहत मिल रही है ।
- इस योजना की वजह से इनकम टैक्स विभाग और भारतीय करदाताओं में समझ बूझ बढ़ रही है जिसकी वजह से प्रशासन पर करदाताओं का भरोसा और ज्यादा गहरा हो रहा है ।
- Vivad Se Vishwas Scheme के अंतर्गत कर दाताओं और इनकम टैक्स विभाग के बीच पारदर्शिता बढ़ती जा रही है जिसकी वजह से काफी लंबे समय से चल रहे विवादित टैक्स के मामले भी अब निपटाए जा रहे हैं ।
- योजना के अंतर्गत करदाताओं को केवल विवादित करो की राशि का भुगतान करने की छूट दी जा रही है जिससे कर दाताओं का भरोसा भी प्रशासन पर बढ़ रहा है।
- यह योजना वर्ष 2020 में शुरू की गई थी परंतु योजना की उपलब्धि और प्रतिसाद को देखते हुए योजना को फिर से शुरू किया गया है।
- हालांकि योजना के अंतर्गत अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2023 निर्धारित की गई थी परंतु कर विभाग अभी तक इस योजना का लाभ करदाताओं को उपलब्ध करवा रहा है।
विवाद से विश्वास स्कीम MSME
- विवाद से विश्वास स्कीम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के करो के निपटान हेतु शुरू की गई है।
- वर्ष 2023-24 के अंतर्गत किए गए बजट के दौरान स्कीम को एक बार फिर से शुरू करने की बात सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा की गई थी।
- स्कीम के अंतर्गत सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों के काफी लंबे समय से लंबित करो के निपटान किए जाते हैं ताकि लघु ,मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों को फलने फूलने के लिए भारत में एक सुरक्षित माहौल उपलब्ध करवाया जाए ।
- योजना के अंतर्गत यदि कोई लघु मध्यम और सूक्ष्म उद्योग कर भुगतान करने में सक्षम नहीं है तो उन्हें जप्त की गई सुरक्षा शुल्क का 95% सरकार द्वारा वापस किया जाता है।
विवाद से विश्वास स्कीम latest update
- Vivad Se Vishwas Scheme की मूलतः 2020 में कोरोना कल के दौरान शुरू की गई थी ।
- यह योजना लॉकडाउन के दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति को देखकर शुरू की गई थी।
- योजना 31 दिसंबर 2023 तक खत्म हो जाने का निर्धारण कर लिया गया था परंतु योजना को मिलते हुए लाभ और प्रतिसाद को देखते हुए विवाद से विश्वास स्कीम योजना शुरू करने का अनुबंध बनाया गया जिसके लिए सरकार ने एक अलग से नया पोर्टल भी बना लिया है।
- इस पोर्टल के माध्यम से इस स्कीम का संचालन किया जा रहा है । भविष्य में कहा जा रहा है की इस स्कीम के अंतर्गत आवेदन तिथि को और ज्यादा बढ़ाया जाएगा क्योंकि देशभर में करीबन 4,83,000 प्रत्यक्ष कर के मामले निलंबित है जिनका निदान करने के लिए इस योजना को और कुछ समय तक सक्रिय रखा जाएगा।
विवाद से विश्वास स्कीम उपलब्धि
- Vivad Se Vishwas Scheme की उपलब्धि की यदि चर्चा करें तो यह स्कीम देश भर में वर्ष 2020 के बाद लागू की गई थी ,जिसकी वजह से लॉकडाउन के दौरान टैक्स भुगतान में करदाताओ को सुविधा प्रदान की जा रही थी।
- कोरोना काल के दौरान इस योजना की वजह से लंबे समय से विवादित टैक्स भुगतानों का निपटान किया गया जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी काफी सुविधा देखने को मिली।
- वहीं कई सारे कारोबारीयों को भी इस योजना का फायदा दिया गया ।
- इस योजना के अंतर्गत योजना की अंतिम तिथि पहले 31 मार्च 2021 निर्धारित की गई थी परंतु प्रतिसाद और योजना के लाभ को देखते हुए योजना की तिथि को समय-समय पर आगे बढ़ा दिया गया।
- योजना के माध्यम से अब तक देश भर में बिना पेनल्टी और बिना पनिशमेंट से मुक्त टैक्स वसूल किया जा चुका है जिसकी वजह से इनकम टैक्स विभाग ने काफी हद तक विवादित टैक्सों की रिकवरी कर ली है।
- वहीं इस योजना के माध्यम से टैक्स राशि जमा करने वाले भारतीयों को रिफंड भी दिया जाता है। योजना के माध्यम से कई सारे विवादित मामले ऐसे थे जिन पर करदाताओं को सजा भी मिलने वाली थी।
- वहीं छापा पढ़ने की स्थिति में कई करदाता करोड़ो के भुगतान से भी इस योजना की वजह से बच चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत हालांकि कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसलों की स्थिति में लाभ नहीं उपलब्ध कराया जाता।
- परंतु यदि आयकर विभाग की सारी शर्तों को करदाता यदि पूरा कर लेता है तो करदाता को इस योजना का पूरा लाभ दिया जाता है। वहीं निर्धारित राशि जमा करने पर उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाता है।
विवाद से विश्वास स्कीम संशोधन
- विवाद से विश्वास स्कीम मुख्य आयकर विभाग द्वारा शुरू की गई योजना है ।
- इस योजना के अंतर्गत आवेदक को डिक्लेरेशन फॉर्म भरना पड़ता है।
- वहीं आवेदक चाहे तो अपने डिक्लेरेशन फॉर्म में संशोधन भी कर सकता है।
- इस योजना के अंतर्गत आवेदक को प्रत्यक्ष कर विभाग द्वारा जारी की गई एक क्वेश्चन लिस्ट भरनी पड़ती है और सारे सवालों के जवाब देने पड़ते हैं।
- इस योजना के माध्यम से कर विभाग उन सभी मामलों में प्राथमिकता देखता है जिन पर काफी लंबे समय से कार्यवाही पेंडिंग है।
- इस योजना के अंतर्गत द्विपक्षीय समझौता करवाने की कोशिश की जाती है ।
- यदि आवेदक इस समझौते से संतुष्ट नहीं होता अथवा कर विभाग की समझौते से संतुष्ट नहीं होता तो ऐसे में फिर से संशोधन करने की अनुमति दी जाती है।
- योजना के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में अटके मामलों में फैसला जल्द से जल्द करने की कोशिश की जाती है ताकि दोनों पार्टियों के बीच मध्यस्थता बढ़ती जा सके और जल्द से जल्द विवादों का निपटान किया जा सके।
विवाद से विश्वास स्कीम पात्रता मापदण्ड ( Vivad Se Vishwas Scheme Eligibility Criteria )
Vivad Se Vishwas Scheme का लाभ उठाने के लिए आवेदक को निम्नलिखित पात्रता मापदण्ड सुनिश्चित करने होंगे
- इस योजना का लाभ केवल भारत सरकार के अंतर्गत रजिस्टर्ड MSME संस्थाओं को मिलेगा।
- योजना के अंतर्गत आवेदक के फर्म अथवा बिजनेस MSME के रूप में पंजीकृत होना जरूरी है ।
- इस योजना के अंतर्गत केवल वे ही आवेदक की आवेदन कर सकते हैं जिनकी अनुबंध की मूल पूर्णता या डिलीवरी अवधि 2020 से 2022 के बीच थी।
विवाद से विश्वास स्कीम MSME राहत
विवाद से विश्वास स्कीम के माध्यम से पंजीकृत एमएसएमई अर्थात लघु उद्योग को निम्नलिखित प्रकार की राहत उपलब्ध करवाई जाती है
- इस योजना के माध्यम से रजिस्टर MSME को 95% तक की सुरक्षा राशि वापस की जाती है।
- इस योजना के अंतर्गत एमएसएमई से काटे गए लिक्विडिटी डैमेज को भी 95% पर वापस किया जाता है ।
- वही एमएसएमई अर्थात लघु उद्योगों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जोखिम खरीद राशि भी 95% प्रतिशत तक वापस कर दी जाती है।
- इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत यदि एमएसएमई द्वारा जारी किए गए दावे में किसी प्रकार की चूक पाई गई तो उन्हें अनदेखा भी किया जाता है और उनसे कोई ब्याज नहीं लिया जाता।
विवाद से विश्वास योजना आवश्यक दस्तावेज ( Vivad Se Vishwas Scheme Important Documents )
विवाद से विश्वास योजना का लाभ उठाने के लिए MSME अर्थात लघु उद्योगों के मालिकों को निम्नलिखित दस्तावेज मूल रूप से संलग्न करने होंगे।
- स्थाई खाता नंबर
- व्यवसाय का पंजीकरण नंबर
- यदि आवेदक किसी सार्वजनिक या निजी कंपनी का मालिक है तो कंपनी का रजिस्ट्रेशन नंबर
- यदि कंपनी एमएसएमई में रजिस्टर्ड है तो एमएसएमई पंजीकरण नंबर
विवाद से विश्वास की आवेदन प्रक्रिया ( Vivad Se Vishwas Scheme Online Apply )
विवाद से विश्वास स्कीम का लाभ लेने के लिए एमएसएमई अर्थात सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों को इस प्रकार से आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
- सबसे पहले आवेदक को G MSME की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा।
- आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करने के बाद में आवेदक को संपूर्ण विवरण भरना होगा।
- विवरण भरने के बाद आवेदक को अपनी पंजीकृत एमएसएमई को सत्यापित करना होगा।
- सत्यापन पूरा करने के बाद आवेदक को नोडल अधिकारी के पोर्टल पर भुगतान की राशि लेनदेन का विवरण अपडेट करना होगा ।
- इस प्रकार आवेदक को GMSME के आधिकारिक पोर्टल पर अपने लेनदेन और समस्त खरीद का ब्यौरा दर्ज कर सकता है।
विवाद से विश्वास स्कीम GMSME पोर्टल दावा
- विवाद से विश्वास स्कीम के अंतर्गत आवेदक को पंजीकरण करने के बाद में लॉगिन डिटेल्स हासिल करनी होगी ।
- लॉगिन के बाद आवेदक को GMSME पोर्टल पर अकाउंट प्रोफाइल के विकल्प पर क्लिक करना होगा ।
- अकाउंट प्रोफाइल के विकल्प पर क्लिक करने के बाद आवेदक को बिजनेस प्रोफाइल के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इस बिजनेस प्रोफाइल के विकल्प पर क्लिक करने के बाद आवेदक के सामने नया दवा अनुरोध का विकल्प आ जाता है ।
- आवेदक को इस दावे के अनुरोध के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इस विकल्प पर क्लिक करते ही आवेदक के सामने एक आवेदन फॉर्म आ जाता है।
- आवेदक को इस आवेदन फार्म को सावधानी पूर्वक भरना होगा और क्लेम के विकल्प पर क्लिक कार्यवाही फॉर्म भरना होगा।
- इसके बाद आवेदक द्वारा उपलब्ध कराए गए दावे को कर विभाग द्वारा स्वीकृत किया जाता है अथवा सत्यापित किया जाता है।
Conclusion Vivad Se Vishwas Scheme
इस प्रकार वे सभी MSME रजिस्टर्ड कंपनियां जो भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग अनुबंध के अंदर गत रजिस्टर है और काफी लंबे समय से करों के भुगतान न करने की वजह से विवादित मामलों में फंसी हुई है। उन सभी के लिए इस महत्वपूर्ण योजना का संचालन भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
जिससे यह सभी कंपनियां अपने पुराने विवादित मामलों का निपटान कर सके और इन्हें भारत सरकार द्वारा हर संभावित मदद उपलब्ध कराई जा सके ताकि भारत में छोटी और लघु उद्योग कंपनियां फल फूल सके। इसके अंतर्गत संपूर्ण जानकारी भारत सरकार के गवर्नमेंट ई मार्केट प्लेस पोर्टल पर उपलब्ध करवा दी गई है। आवेदक इस पोर्टल पर विज़िट कर संपूर्ण पीडीएफ फॉर्मेट की जानकारी प्राप्त कर सकता है वही इस पोर्टल के माध्यम से दावे भी दर्ज कर सकता है।
FAQ Vivad Se Vishwas Scheme
विवाद से विश्वास स्कीम के अंतर्गत कौन-कौन सी अपील स्वीकारी जाती है?
विवाद से विश्वास स्कीम के अंतर्गत आयकर विभाग सभी उच्च न्यायालय ,सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित , उच्च न्यायालय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष RIT याचिकाएं तथा देश भर के करदाताओं के खिलाफ दर्ज की गई संपूर्ण आपत्ति की अपील की जाती है ।
विवाद से विश्वास स्कीम में यदि किसी करदाता का मामला लंबित नहीं है लेकिन मामला मध्यस्थता में लंबित है तो क्या करदाता इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए पात्र माना जाएगा?
जी हां करदाता जिसकी अपील लंबित नहीं है परंतु मध्यस्थता में मामला लंबित है तो ऐसे में करदाता को आवेदन करने का योग्य पात्र माना जाता है।
किसी करदाता के कर पर लगाए गए ब्याज के खिलाफ यदि अपील दायर की गई है तो क्या करदाता इस योजना का लाभ उठा सकता है?
जी हां Vivad Se Vishwas Scheme के अंतर्गत विवादित ब्याज को कवर करने वाली सारे विवाद सुलझाए जाते हैं। औऱ मूल राशि पर विवाद न होने के बावजूद भी ब्याज और दंड राशि माफ कर दी जाती है।
क्या विवाद से विश्वास योजना के अंतर्गत आयकर विभाग द्वारा तलाशी और व्यक्ति की कार्यवाही शुरू होने के बावजूद भी करदाता को लाभ उपलब्ध कराया जाता है?
उस मामले में जहां पर आयकर दाता के खिलाफ तलाशी और जब्ती की कार्यवाही शुरू की गई है और विवादित कर की राशि 5 करोड रुपए से अधिक है तो ऐसे मामले में आयकर दाता को योजना का लाभ नहीं दिया जाता।
क्या विवाद से विश्वास स्कीम के अंतर्गत 234e और 234f की अपील कर की जाती है?
जी हां Vivad Se Vishwas Scheme के अंतर्गत 234 ईयर 234f की अपील भी कर की जाती है।
क्या टीडीएस और टीसीएस जमा करने में भी देरी से होने वाले विवादों को इस योजना का लाभ मिलता है?
जी हां, Vivad Se Vishwas Scheme के अंतर्गत टीडीएस या टीसीएस से संबंधित उपलब्ध करवाए जाते हैं।
क्या विवाद से विश्वास स्कीम के अंतर्गत संपत्ति कर प्रतिभूति लेनदेन वस्तु लेनदेन और समकारी शुल्क से संबंधित विवाद भी सुलझाया जाते हैं ?
जी नहीं इस योजना के अंतर्गत केवल आयकर से संबंधित विवाद ही सुलझाया जाते हैं।