Chai Vikas Yojana 2024: बिहार चाय विकास योजना से चाय की खेती करने वाले किसानों को 50 से 90% की सब्सिडी
नमस्कार दोस्तों MeriYojana.com में आप सभी का स्वागत है। आज जिस योजना के बारे में हम बात करने वाले हैं वह है बिहार सरकार द्वारा चाय उत्पादक किसानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण सब्सिडी योजना जिसे हम चाय विकास योजना (Chai Vikas Yojana) के नाम से जानते हैं। इस योजना के माध्यम से संपूर्ण बिहार राज्य के चाय उत्पादक किसानों को चाय की उपज पैदा करने के लिए 50 से 90% की सब्सिडी जा रही है। आज के इस लेख में हम चाय विकास योजना (Tea Development Scheme) के बारे में विस्तारित रूप से जाने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं।
चाय विकास योजना क्या है? (Chai Vikas Yojana Kya Hai?)
दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया यह योजना बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई है। चाय विकास योजना के माध्यम से बिहार सरकार संपूर्ण राज्य में चाय की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए लगभग हर प्रकार के प्रयत्न कर रही है। इन्हीं प्रयत्नों में से एक प्रयत्न है की इस योजना के माध्यम से चाय के उत्पादक किसानों को चाय की खेती पर 50 से 90% की सब्सिडी देना ताकि वह चाय का उत्पादन कर सके और उसे बेचकर बेहतर आय अर्जित कर सके।
बिहार सरकार राज्य के चाय की खेती करने वाले किसानों को चाय विकास योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की तकनीकी सुविधाएं भी उपलब्ध करवा रही है। इस योजना के माध्यम से चाय की खेती करने वाले किसानों को 50 से 90% की सबसे बड़ी उपलब्धि करवाई जाती है।
जिससे वे बेहतर तरीके से चाय की खेती कर सके और योजना का लाभ उठाकर ज्यादा से ज्यादा चाय की फसल अपने खेतों में उगा सके। आवेदक चाय विकास योजना (Tea Development Yojana) के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त करने के पश्चात चाय के पौधे अपने खेतों में रोक सकता है और चाय बाजारों में बेचकर बेहतर दाम कम सकता है।
बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई चाय विकास योजना के माध्यम से चाय की खेती करने वाले किसानों को 50 से 90% की सब्सिडी जा रही है, जिसमें आवेदक किसान को चाय के पौधे अपने चाय के बागान में लगाने के लिए लोन राशि के लिए आवेदन करना होगा । किसान द्वारा आवेदन करने के पश्चात सरकार इस आवेदन पर 50 से 90% की सब्सिडी प्रदान करेगी जिसमें किसान को 75 :25 के हिसाब से दो क़िस्त दी जाएगी ताकि किसान अपनी चाय के बागानों में चाय की खेती कर बेहतर लाभ कमा सके।
बिहार चाय विकास योजना के लाभ और विशेषताएं (Bihar Chai Vikas Yojana Benefits & Key Feature)
बिहार चाय विकास योजना के लाभ की यदि बात करें तो इस योजना के माध्यम से संपूर्ण बिहार राज्य में चाय के बागानों में वृद्धि देखी जा रही है।
- चाय विकास योजना के माध्यम से बिहार जैसा राज्य भी चाय के उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है ।
- योजना के अंतर्गत चाय की खेती करने वाले किसानों को 50 से 90% की सब्सिडी जाती है।
- योजना में प्रत्येक लाभार्थी को प्रति हेक्टर 2.47 लाख रुपए की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है और लाभ की राशि सीधा डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी की बैंक अकाउंट में भेजी जाती है।
- इस योजना के माध्यम से संपूर्ण योजना और लाभार्थियों में पारदर्शिता बनाए रखने की कोशिश की जा रही है जिससे किसी प्रकार की धोखाधड़ी न हो।
- इस योजना के अंतर्गत बिहार राज्य में चाय का उत्पादन करने वाले किसानों के आय स्तर को बढ़ाने के लिए भी संभावित प्रयत्न किया जा रहे हैं।
- इस योजना के अंतर्गत किसानों को चाय के बागानों में इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न यंत्रों को खरीदने के लिए भी आर्थिक सुविधा दी जा रही है।
- Chai Vikas Yojana Bihar के अंतर्गत यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि बिहार जैसे राज्य में चाय का उत्पादन बेहतर तरीके से हो सके और उसकी गुणवत्ता भी बेहतर हो सके।
चाय विकास योजना महत्वपूर्ण उद्देश्य (Chai Vikas Yojana Objective)
चाय विकास योजना के उद्देश्य की बात करें तो इस योजना के माध्यम से बिहार सरकार बिहार के किशनगंज जिला में चाय के बागानों के विस्तार के लिए किसानों को आर्थिक सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है। जिससे कि बिहार के किशनगंज जिले में चाय के उत्पादन को बढ़ाया जा सके। जैसा कि हम सब जानते हैं बिहार राज्य चाय के उत्पादन की दृष्टि से अनुकूल राज्य नहीं है। परंतु फिर भी बिहार के किशनगंज जिले की जलवायु चाय के उत्पादकता के लिए बेहतरीन जलवायु सिद्ध हो रही है।
ऐसे में बिहार सरकार भी किशनगंज में रहने वाले किसानों को चाय उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रही है, ताकि बिहार राज्य में चाय का उत्पादन बढ़ सके। राज्य में चाय का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को बागानों में पौध रोपण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
इस आर्थिक सहायता के अंतर्गत किसानों को 50 से 90% की सब्सिडी दी जा रही है जिससे वह अपने बागान में चाय के पौधे लगा सके और उसका रखरखाव कर सके। इस योजना के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने की कोशिश की जा रही है वहीं बिहार में चाय के उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
बिहार चाय विकास योजना पात्रता (Bihar Chai Vikas Yojana Eligibility)
बिहार चाय विकास योजना के अंतर्गत आवेदन करने से पहले आवेदक को निम्नलिखित पात्रता मापदण्ड जाँचने होंगे
- इस Tea Development Scheme के अंतर्गत आवेदन करने वाला आवेदक बिहार का मूल निवासी होना जरूरी है ।
- आवेदन करने वाले आवेदक के पास में चाय के बागान लगाने के लिए पर्याप्त जमीन होनी आवश्यक है।
- योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाले आवेदन का चाय की खेती करने का इच्छुक होना जरूरी है ।
- इस योजना के अंतर्गत आवेदक को पहले केवल 75% राशि ही योजना के माध्यम से दी जाती है।
- वहीं यदि एक साल में 90% पौधे जिंदा पाए गए तो अन्य 25% राशि सरकार द्वारा रिलीज की जाती है।
- इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक किसान के पास में 5 एकड़ से 10 एकड़ का खेत होना जरूरी है।
- वही योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाले किसान के पास में भूमि संबंधी संपूर्ण दस्तावेज और चाय के बागान लगाने का पूरा प्रशिक्षण होना आवश्यक है।
चाय विकास योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज (Chai Vikas Yojana Document List)
चाय विकास योजना के अंतर्गत निम्नलिखित दस्तावेज आवेदक किसानों को मूल रूप से संलग्न करने होंगे।
- आवेदन किसान का आधार कार्ड
- आवेदक किसान का निवास प्रमाण पत्र
- आवेदक किसान का आय प्रमाण पत्र
- आवेदक किसान का जमीन के दस्तावेज
- आवेदक किसान का मोबाइल नंबर
- आवेदक किसान का पासपोर्ट साइज फोटो
- आवेदक किसान का बैंक खाता विवरण
चाय विकास योजना संक्षिप्त विवरण
दोस्तों चाय की यदि बात करें तो हम सभी को पता है कि चाय भारत का एक महत्वपूर्ण पेय है। भारत के अलावा चाय की मांग अन्य देशों में भी होती है। पूरे विश्व में भारत दूसरे नंबर का सबसे बड़ा चाय उत्पादन राष्ट्र है। भारत में प्रत्येक वर्ष लाखों टन चाय पत्ती विदेश में भेजी जाती है।
ऐसे में अब तक जहां संपूर्ण भारत में केवल असम, त्रिपुरा, केरल ,तमिलनाडु ,हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक ,पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में ही चाय की खेती होती थी परंतु अब बिहार में भी किशनगंज जिले में भी चाय की खेती शुरू हो चुकी है और बिहार सरकार चाय के बागानों में खेती करने के लिए चाय उत्पादक किसानों को आर्थिक सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है जिससे वह सरकार द्वारा सहायता प्राप्त कर सके और चाय का उत्पादन कर सके।
चाय विकास योजना सब्सिडी (Chai Vikas Yojana Subsidy)
चाय विकास योजना की सब्सिडी की यदि बात करें तो इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक आवेदक किसान को 50 से 90% की सब्सिडी दी जाती है। आवेदक किसान को आवेदन के पश्चात 75% की अनुदान राशि उपलब्ध कराई जाती है जिससे किसान खेतों में इस 75% राशि का उपयोग कर चाय के पौधे लगा सके।
किसान द्वारा लगाए गए चाय के पौधे की 1 वर्ष में सरकार द्वारा समीक्षा की जाती है ।यदि किसान द्वारा लगाए गए पौधों में से 90% पौधे जीवित अवस्था में प्राप्त हुए तो किसान को अगली 25% राशि का भुगतान किया जाता है।
ऐसे में किसान को चाय के पौधों के रखरखाव के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और किस्तों में राशि सैंक्शन की जाती है जिससे किसान पर वित्तीय भार भी ना बड़े और किसान की जरूरत पूरी हो जाए।
चाय विकास योजना (Tea Development Scheme) के अंतर्गत चाय की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर की लागत से 4.94 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। इस योजना में किसानों को 50 से 90% की सब्सिडी मिलती है। यह सब्सिडी किसान के खेत के आकार और किसान के खेतों की समीक्षा और उनके खेतों की प्रकृति के आधार पर निर्धारित की जाती है।
मान लीजिए यदि इस योजना के अंतर्गत किसान को 50% की सब्सिडी दी जा रही है तो 4.94 लाख रुपए के आधार पर प्रति हेक्टेयर से किसान को 2.47 लाख रुपए सब्सिडी के रूप में दिए जाएंगे। वहीं अन्य 2.47लाख रुपए किसानों को अपनी जेब से खर्च करना होगा । इस प्रकार इस योजना के अंतर्गत सब्सिडी राशि बिहार सरकार उद्यान निदेशालय द्वारा तय की जाती है और किसानों को चाय उत्पादन में वृद्धि करने के लिए सहायता दी जाती है।
बिहार चाय विकास योजना हॉर्टिकल्चर यंत्र अनुदान राशि (Bihar Chai Vikas Yojana Horticulture Machine Grant Amount)
बिहार चाय विकास योजना के अंतर्गत विभिन्न हॉर्टिकल्चर यंत्रों का उपयोग भी किसानों को करना पड़ता है। ऐसे में चाय बागानों में विस्तार करने और चाय के बागानों का प्रबंधन करने के लिए किसान को हॉर्टिकल्चर के यंत्र खरीदने के लिए सरकार सब्सिडी उपलब्ध कराती है। यह सब्सिडी निम्नलिखित यंत्र खरीदने पर दी जाती है
बिहार सरकार द्वारा किसानों को प्रूनिंग मशीन खरीदने के लिए 50% की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है ।अर्थात 5 एकड़ में चाय की खेती करने वाले किसानों को इस योजना के माध्यम से 50% या अधिकतम ₹60000 में से प्रूनिंग मशीन अनुदान राशि प्रदान की जाती है। चाय के बागानों में मैकेनिकल हार्वेस्टर का उपयोग भी किया जाता है।
बिहार सरकार मैकेनिक हार्वेस्टर खरीदने वाले इच्छुक किसानों को भी इस यंत्र को खरीदने के लिए सब्सिडी देती है जिसके अंतर्गत 5 एकड़ में चाय की खेती करने वाले किसानों को अनुदान राशि दी जाती है। प्रत्येक मैकेनिक हार्वेस्टर का वास्तविक मूल्य पर बिहार सरकार 50% या अधिकतम ₹50000 की सब्सिडी उपलब्ध कराती है।
चाय के बागानों में प्लकिंग शेयर भी एक महत्वपूर्ण यंत्र के रूप में उपयोग में लाया जाता है। वह सभी किसान जो बिहार सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सब्सिडाइज्ड राशि से प्लकिंग शेयर खरीदना चाहते हैं वह ₹11000 तक की अनुदान राशि इस यंत्र को खरीदने के लिए प्राप्त कर सकते हैं।
लीव्स कैरिज व्हीकल बिहार चाय विकास योजना के अंतर्गत चाय बागानों में देखभाल का काम करने वाले किसानों को लीव कैरिज व्हीकल भी उपलब्धि कराया जाता है ।जिसमें 10 एकड़ में 4 हेक्टेयर की चाय की खेती करने वाले किसानों को ही इस योजना का लाभ दिया जाता है। चाय विकास योजना के अंतर्गत लीव कैरिज व्हीकल के 50% या 750000 तक की अनुदान राशि सब्सिडी के रूप में दी जाती है।
लीव्स कलेक्शन शेड इस Tea Development Yojana के अंतर्गत किसानों को चाय की पत्तियां इकट्ठा करने के लिए शेड निर्मित करवाया जाता है जिसके लिए किसानों को अनुदान राशि दी जाती है अनुदान राशि के रूप में किसानों को 50% तक का अनुदान अथवा 37500 तक की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जाती है।
चाय विकास योजना में आवेदन प्रक्रिया (Chai Vikas Yojana Apply Online)
वे सभी बिहार राज्य के किसान जो चाय विकास योजना में आवेदन करना चाहते हैं योजना के अंतर्गत आवेदक आवेदन करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
- सबसे पहले आवेदक को बिहार कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाना होगा।
- अधिकारी वेबसाइट के होम पेज पर आवेदक को योजनाओं के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- Chai Vikas Yojana Bihar के विकल्प पर क्लिक करने के पश्चात आवेदक को चाय विकास योजना का विकल्प दिखाई देगा आवेदक को इस विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इस विकल्प पर क्लिक करने के बाद आवेदक के सामने पीडीएफ में दिशा निर्देश आ जाते हैं आवेदक को इन दिशा निर्देश को पढ़कर सहमत के बटन पर क्लिक करना होगा ।
- सहमत के बटन पर क्लिक करने के बाद आवेदक के सामने एक नया पेज आ जाता है ।
- इस नए पेज पर आवेदन को पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होगी ।
- पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होते ही आवेदक को लॉगिन विवरण मिल जाता है।
- लॉगिन विवरण के साथ आवेदन को पोर्टल पर लॉगिन करना होगा और आवेदन फॉर्म भरना होगा ।
- आवेदन को इस आवेदन फार्म को सावधानीपूर्वक भरना होगा और मांगे गए दस्तावेज स्कैन कर अपलोड करने होंगे।
- इसके पश्चात आवेदक को सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा इस प्रकार आवेदन चाय विकास योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी कर लेता है।
चाय विकास योजना आवेदन स्थिती (Chai Vikas Yojana Application Status)
चाय विकास योजना के अंतर्गत आवेदन करने के बाद आवेदक किसान को यदि अपनी आवेदन स्थिती जांचनी है तो आवेदक को निम्नलिखित प्रक्रिया पूरी करनी होगी
- सबसे आवेदन पहले आवेदक किस को horticulture.bihar.gov.in इस आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा ।
- आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर आवेदन को लॉगिन के पोर्टल पर क्लिक करना होगा।
- लॉगिन के विकल्प पर क्लिक कर इस पोर्टल पर लॉगिन प्रक्रिया पूरी कर देता है ।
- इज़के बाद किसान को अपना पंजीकरण नंबर दर्ज करना होगा।
- किसान पंजीकरण नंबर दर्ज करने के बाद आवेदक को योजना के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- योजना के विकल्प पर क्लिक करने के बाद आवेदक के सामने योजना में आवेदन करने के पश्चात संपूर्ण आवेदन स्थिति का ब्यौरा आ जाता है ।
- इस प्रकार आवेदक अधिकारी वेबसाइट से ही चाय विकास योजना के अंतर्गत आवेदन करने के पश्चात लाभार्थी स्थिति तथा अन्य विवरण देख सकता है।
बिहार चाय विकास योजना भविष्य (Bihar Chai Vikas Yojana Future)
बिहार चाय विकास योजना के भविष्य की यदि बात की जाए तो यह योजना बिहार के किशनगंज के चाय उत्पादकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योजना साबित हो रही है। इस योजना के माध्यम से किशनगंज में चाय के बागानों के मालिकों को काफी सहायता मिल रही है जिसके अंतर्गत चाय के बगीचे लगाकर ज्यादा आय अर्जित कर पा रहे हैं।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को चाय उत्पादन में लगने वाले संपूर्ण उपकरण खरीदने के लिए भी आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है जिससे वह बेहतर गुणवत्ता वाली चाय पत्ती का उत्पादन कर रहे हैं। कुल मिलाकर भविष्य में भी यदि इसी प्रकार की सहायता किसानों को मिलती रहे तो निश्चित रूप से बिहार भी चाय उत्पादन क्षेत्र में जल्द ही अपनी जगह बना लेगा।
बिहार चाय विकास योजना चुनौतियां (Bihar Chai Vikas Yojana Challenges)
बिहार चाय विकास योजना की चुनौती कि यदि बात करें तो इस योजना के अंतर्गत किसानों को पहले 75% की राशि उपलब्ध करवाई जाती है। इसके पश्चात यदि 90% पौधे सुरक्षित पाए गए तभी अन्य 25% राशि का भुगतान किया जाता है। परंतु इस पूरी योजना के अंतर्गत यही एक बात काफी बड़ी चुनौती साबित हो रही है।
Chai Vikas Yojana Bihar में यदि किसी वजह से जलवायु की प्रतिकूल अवस्था अथवा पानी की कमी या मौसम की मार से यदि किसानों के पौधे खराब हो जाते हैं तो किसान को अन्य 25% की लाभ राशि से वंचित हो जाएंगे। ऐसे में किसानों को संपूर्ण सब्सिडी नहीं मिलेगी।
वहीं वे पौधों के आगे के रखरखाव के काम को पूरा नहीं कर पाएंगे जिससे हो सकता है कि किसानों की आय पर असर पड़े अथवा किसानों को इस पूरी योजना से केवल नुकसान ही प्राप्त हो। कुल मिलाकर सरकार को इस प्रकार के पेचीदा रास्तों से बचना चाहिए और सरकार को कोशिश करनी चाहिए की सब्सिडी की राशि किसानों को निश्चित रूप से उपलब्ध करवाई जा सके।
वहीं किसानों को चाय के रखरखाव और बागानों में चाय की पौधे की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण देना भी अनिवार्य कर देना चाहिए जिससे फसलों को नुकसान कम होगा और किसानों को ज्यादा फायदा होगा।
Conclusion of Bihar Chai Vikas Yojana
कुल मिलाकर बिहार चाय विकास योजना के माध्यम से बिहार राज्य में चाय के उत्पादन में वृद्धि देखी जा रही है। चाय उत्पादक किसानों को भी इस योजना के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। जिससे किसान आर्थिक रूप से सफल हो रहे हैं और चाय उत्पादन के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।
बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना
FAQs of Bihar Chai Vikas Yojana
✔️ बिहार चाय विकास योजना क्या है?
बिहार चाय विकास योजना बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजनाएं जिसके माध्यम से बिहार के किशनगंज जिले में चाय उत्पादन करने वाले किसानों को आर्थिक सहायता और सब्सिडी उपलब्ध करवाई जा रही है ।
✔️ बिहार चाय विकास योजना के अंतर्गत क्या किसानों को यंत्र खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाती है?
जी हां इस योजना के अंतर्गत किसानों को चाय बागानों में उपयोग में आने वाले यंत्र खरीदने पर सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाती है।
✔️ बिहार चाय विकास योजना के अंतर्गत किसानों को किस अनुपात में सब्सिडी राशि वितरित की जाती है?
बिहार चाय विकास योजना के अंतर्गत किसानों को 75: 25 की दर से योजना राशि वितरित की जाती है।
✔️ बिहार चाय विकास योजना के अंतर्गत अगले 25% राशि किसानों को कब दी जाती है?
बिहार कर विकास योजना के अंतर्गत अगली 25% राशि की दूसरी किस्त किसानों को एक वर्ष के पश्चात पौधों की अवस्था देखने के पश्चात रिलीज की जाती है।
✔️ बिहार चाय विकास योजना के अंतर्गत किसानों को कितने प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है?
विकास योजना के अंतर्गत किसानों को 50 से 90% की सब्सिडी उपलब्धि करवाई जाती है।
✔️ बिहार चाय विकास योजना के अंतर्गत कोई प्रशिक्षण लेना जरूरी है?
कुछ योजनाओं में चाय की खेती या प्रसंस्करण से संबंधित प्रशिक्षण लेना अनिवार्य हो सकता है। इसके लिए योजना के दिशानिर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ना जरूरी है।
✔️ क्या बिहार चाय विकास योजना का लाभ एक से अधिक बार लिया जा सकता है?
यह योजना के नियमों पर निर्भर करता है, कुछ योजनाओं में एक सीमा से अधिक सब्सिडी नहीं दी जा सकती। वहीं, कुछ योजनाओं में चाय की खेती के विभिन्न चरणों के लिए अलग-अलग सब्सिडी उपलब्ध हो सकती है।
✔️ बिहार चाय विकास योजना के तहत सब्सिडी किन चीजों पर खर्च की जा सकती है?
योजना के अनुसार सब्सिडी का इस्तेमाल तय की गई चीजों पर ही किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, सिंचाई प्रणाली लगाने, मिट्टी परीक्षण कराने, जैविक खाद खरीदने या चाय प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करने में मदद के लिए सब्सिडी दी जा सकती है। योजना दस्तावेजों में सब्सिडी के इस्तेमाल से जुड़ी पूरी जानकारी मिलेगी।
✔️ क्या बिहार चाय विकास योजना में चाय की फसल बेचने के लिए कोई बाजार सहायता मिलती है?
कुछ योजनाओं में चाय की फसल बेचने के लिए किसानों को बाजार से जोड़ने या उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में सहायता की जा सकती है। यह योजना के दायरे पर निर्भर करता है।